Friday, November 30, 2012


बाड़मेर। दहेज में कुत्ता एवं गधा देने की बात कही जाए तो शायद हर कोई इसे मजाक समझेगा। लेकिन यह हकीकत है। इतना ही नहीं, दो साल तक संभावित औरत को मांगकर खिलाने की शर्त पूरी करने के बाद गर्भावस्था में सियार का मांस ही उनकी खुशहाल जिन्दगी आधार बनता है। यह अलग बात है कि यह परंपरा महज जोगी जाति के कुछ परिवारों तक ही सिमट गई है।
पश्चिमी राजस्थान में घुमक्कड़ एवं भीख मांगकर गुजारा चलाने वाली जोगी जाति के परिवारों के लिए ऐसी परंपराएं आम बात रही है। भले ही इन पर दूसरे लोग विश्वास करें या नहीं। प्रतापनाथ को आज भी अपनी शादी का वो दिन याद है जब उसे दहेज में कुत्त्ते के साथ गधा मिला था। कुत्ता उसे अस्थाई ठिकाने के रखवाली एवं शिकार में मदद के लिए और गधा इसलिए कि वो आसानी से अपना बोरियां-बिस्तर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सके। यह बात भी महज दस पुरानी है जब उसने शादी के लिए अपनी औरत रूपो को दो साल तक कमाकर खिलाया था। उसके बाद रूपो की रजामंदी से ही तो उसकी शादी हुई थी।
हालांकि उसे अभी भी मलाल है कि वह अपनी औरत को गर्भावस्था के दौरान सियार का मांस नहीं खिला पाया। हालांकि उसने कोशिश तो की थी परंतु सियार उसकी पकड़ में नहीं आया था। प्रतापनाथ के शब्दों में वो रिवाज अब लगभग खत्म होने को है। शादी की बात हो या अन्य कोई काम इनके अपने रिवाज है।
आजादी के 55 साल बाद भी न तो इनके पास जमीन है और न हीं रहने के आशियाने। खुले आसमान में जीवन यापन करने की मजबूरी के साथ ये कई ऐसे दर्द छुपाएं हुए है, जिन्हें वो बताकर अपना दर्द बढ़ाना भी नहीं चाहते। अब तक मांगकर गुजारा करने वाले इन लोगों को अब भीख भी नहीं मिलती। ऐसे में वे परंपरागत काम छोड़कर अन्य काम अपना रहे है। बावजूद इसके इसमें कई दिक्कतें पेश आ रही है। रही सरकारी मदद की बात, वो मिले भी कैसे? कईयों के नाम तो राशनकार्ड में भी दर्ज नहीं है।
कानाता में डेरा डाले एक बुजुर्ग कानाराम बताते है कि राशनकार्ड ऐसे कुछ जोगियों के बनाए गए है जिन्होंने समय-समय पर पटवारियों एवं सरपंचों वगैरह की बेगार निकाली है। इन लोगों को रोजगार एवं जमीन वगैरह की जरूरत तो है। इससे भी अधिक चिन्ता उन्हें इस बात की है कि जिस परंपरा रूपी विरासत को संभाले हुए है, वो खत्म होती जा रही है।

Thursday, November 29, 2012



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Tuesday, November 27, 2012

मुम्बई, 27 नवंबर । महाराष्ट्र में आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी व्यवसायी व पूर्व कांग्रेस नेता कन्हैयालाल गिडवानी का मंगलवार सुबह दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। 61 वर्षीय गिडवानी को दो दिन पहले ही सांस लेने में तकलीफ की समस्या के बाद दक्षिणी मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि गिडवानी ने मंगलवार सुबह अंतिम सांस ली। उनका शव उनके घर ले जाया जाएगा। दादर में मंगलवार शाम उनका अंतिम संस्कार होगा।
 
पूर्व विधायक व महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता गिडवानी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलाबा में आदर्श आवास सोसाइटी घोटाले के सिलसिले में पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था।
 
गिडवानी आदर्श सोसाइटी के मुख्य प्रमोटर थे। उन पर इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए वित्तीय सलाहकार जे. के. जगियासी को 1.25 करोड़ रुपये देने का आरोप था।
 
गिडवानी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलम्बित कर दिया था और उनसे दूरी बना ली थी।
 
आदर्श सोसाइटी घोटाले मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील अशीष मेहता ने कहा कि गिडवानी की मौत से मामले में जारी मुकदमे की सुनवाई प्रभावित नहीं होगी।
नई दिल्ली, 27 नवंबर । खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह इस पर संसद में किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के लिए तैयार है। लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ही लेंगी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की समन्वय समिति की मंगलवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है। हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं।
 
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को लगातार चौथे दिन संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बाधित हुई। इसी के मद्देनजर संप्रग की समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई थी।
 
कमलनाथ ने कहा कि बैठक में शामिल अत्यधिक सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया। इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा। इस पर फैसला वही करेंगी।
 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दल इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं।
मुंबई। फिल्म खिलाडी 786 के गीत बलमा को श्रीराम ने भी याद किया है। अरे-अरे चौकिये मत, यहाँ हम मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम बात कर रहे हैं, इंडियन आयडल फेम गायक यह श्रीराम चन्द्र की, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज में इन दिनों काफी पसंद किए जा रहे फिल्म खिलाडी 786 के गीत ’बलमा’ को गाया है।
खिलाड़ी कुमार यानि अक्षय कुमार की जल्द ही आने वाली फिल्म ‘खिलाड़ी 786′  का यह आइटम गीत ‘बलमा’ इन दिनों टॉप रेटिंग में चल रहा है। सभी इस गीत को पसंद तो कर ही रहे हैं और साथ में गायक श्रीराम की आवाज़ को भी पसंद किया जा रहा है।
अपने प्रशंसकों की प्रतिक्रिया से अभिभूत हुए इंडियन आइडल विजेता श्रीराम कहते हैं, “इस गीत के रिलीज होने के एक घंटे के अंदर ही दुनियाभर से मेरे दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रशंसकों के कॉल आने शुरू हो गए थे। इसके लिए मैं संगीतकार हिमेश रेशमिया का बहुत ही आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे यह मौका दिया।”
बलमा को गाने वाले गायक श्रीराम जिन्होंने हिंदी फिल्मों में अपने पार्श्व गायन की शुरुआत फिल्म ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ के गीत “कैसा ये इश्क है….” से की थी। ‘बलमा’ गीत के बारे में बात करते हुए वो कहते हैं, “मेरी मुलाकात एक शो के दौरान हिमेश से मुलाकात हुई थी, मेरी आवाज सुनने के बाद उन्होंने मुझे बधाई दी और और कहा कि तुम मेरी फिल्म में गीत गाओगे। इस तरह मुझे बलमा गीत गाने का मौका मिला। बलमा गीत तो मेरे लिए जैकपॉट की तरह है क्योंकि इसमें हिमेश, श्रेया और अक्षय कुमार तीनो ही है। मेरे लिए बहुत ही यादगार अनुभव रहे है इस गीत के साथ।”
श्रीराम फिल्मों में गीत तो गा ही रहे हैं इसके अलावा दक्षिण की फिल्मों में अभिनय भी कर रहे हैं। उनकी दूसरी तेलुगु फिल्म की शूटिंग जल्दी ही शुरू होने वाली है।