सिरोही (राजस्थान)। समाचार (रमेश सुथार)। सिरोही जिले के आबुरोड के निकटवर्ती पुरातत्व महत्व की प्राचीन चन्द्रावती नगरी में बेशकीमती मुर्तिया खुले आसमान के नीचे बेपरवाह पडी है जिससे हमेशा चाोरी रहने का भय व्याप्त है। यहां पर मुर्ति तस्कर भी नजरे गडाए हुए है।
सुरक्षा के नाम सिर्फ एक चौकीदार लगा रखा है
आबुरोड से करीब 10 किमी दूरी पर स्थित एक एतिहासिक एवं पुरातत्व महत्व की प्राचीन चन्द्रावती नगरी में एक समय 999 मंदिरों में कभी एक साथ आरती की घंटिया बजती थी और अपने धार्मिक वैभव को प्रदर्शित करती थी आज कई प्राकृतिक विपदाओं के कारण चन्द्रावती नगरी ने अपना वैभव खो दिया ।जानकारी अनुसार यहां प्रत्येक 200-250 फूट की दूरी पर मंदिर के पत्थर,चबुतरे,शिखर,खम्भों व खंडित मुर्तियां बिखरी दिखाई देती है।इन मंदिरो के अवशेषो की सुरक्षा के लिए पुरातत्व विभाग का सिर्फ एक चौकिदार नियुक्त है जिसके पास पर्याप्त साधन भी नही है,चन्द्रावती नगरी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे होने के कारण तस्करों के लिए मूर्ति चौरी कर भागना आसान है।देश का सबसे विख्यात मूर्ति तस्कर वामनघिया ने सिरोही जिले में मूर्ति चौरी की कई वारदाते की जो पुलिस रिकार्ड मे दर्ज है।यहां खुले आसमान के नीचे पडी कई मारबल व ग्रेनाईट की बहुमुल्य मुर्तियां न जाने कितने तस्करों के हाथों में पडी व कई मुर्तियां विदेशों में बेश चुके है।
पुरातत्व विभाग जोधपुर के वृत अधीक्षक वीरेन्द्रसिंह कविया का कहना है कि चन्द्रावती संग्राहलय अक्सर बन्द रहता है संग्राहलय का उदघाटन नही हुआ। यहां पर एक चौकिदार लगा रखा है अगर कोई पर्यटक देखना चाहता है तो उस समय खुलवा दिया जाता है एवं विभाग के पास स्टाफ नही है इसलिए चन्द्रवती नगरी के लिए एक चौकिदार लगाया गया है।
सुरक्षा के नाम सिर्फ एक चौकीदार लगा रखा है
आबुरोड से करीब 10 किमी दूरी पर स्थित एक एतिहासिक एवं पुरातत्व महत्व की प्राचीन चन्द्रावती नगरी में एक समय 999 मंदिरों में कभी एक साथ आरती की घंटिया बजती थी और अपने धार्मिक वैभव को प्रदर्शित करती थी आज कई प्राकृतिक विपदाओं के कारण चन्द्रावती नगरी ने अपना वैभव खो दिया ।जानकारी अनुसार यहां प्रत्येक 200-250 फूट की दूरी पर मंदिर के पत्थर,चबुतरे,शिखर,खम्भों व खंडित मुर्तियां बिखरी दिखाई देती है।इन मंदिरो के अवशेषो की सुरक्षा के लिए पुरातत्व विभाग का सिर्फ एक चौकिदार नियुक्त है जिसके पास पर्याप्त साधन भी नही है,चन्द्रावती नगरी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे होने के कारण तस्करों के लिए मूर्ति चौरी कर भागना आसान है।देश का सबसे विख्यात मूर्ति तस्कर वामनघिया ने सिरोही जिले में मूर्ति चौरी की कई वारदाते की जो पुलिस रिकार्ड मे दर्ज है।यहां खुले आसमान के नीचे पडी कई मारबल व ग्रेनाईट की बहुमुल्य मुर्तियां न जाने कितने तस्करों के हाथों में पडी व कई मुर्तियां विदेशों में बेश चुके है।
पुरातत्व विभाग जोधपुर के वृत अधीक्षक वीरेन्द्रसिंह कविया का कहना है कि चन्द्रावती संग्राहलय अक्सर बन्द रहता है संग्राहलय का उदघाटन नही हुआ। यहां पर एक चौकिदार लगा रखा है अगर कोई पर्यटक देखना चाहता है तो उस समय खुलवा दिया जाता है एवं विभाग के पास स्टाफ नही है इसलिए चन्द्रवती नगरी के लिए एक चौकिदार लगाया गया है।
Posted on- 05/06/11 rainbownews.in
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