Thursday, April 5, 2012

बाल विवाह के दुष्परिणामों की दी गई जानकारी


सिरोही (राजस्थान)। समाचार/रमेश पेन्टर। मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट सतीशचन्द्र कौचिक ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता उत्पन्न करने एवं आमजन को इसके दुष्परिणामों से अवगत कराने का दायित्व हम सभी का है बाल विवाह में शामिल होने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है। सतीशचन्द्र कौचिक मंगलवार को वराडा हनुमानजी मंदिर प्रांगण मे आयोजित बाल विवाह की रोकथाम के कार्यक्रम मे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने पर कई समस्याएँ पैदा होती है, और यह कानून जूर्म है। छोटी उम्र मे विवाह होने से शारीरिक विकास नही हों पाता व कई विकास अवरूद्ध हो जाते है, सही उम्र में विवाह होने से मानसिक व शारीरिक विकास पूर्ण होता है एवं इससे आने वाली पीढी का जीवन भी सुरक्षित रहता है इसलिए बाल विवाह पर पूर्णतया रोक होनी चाहिए व सभी को मिलकर प्रबल प्रयास करने चाहिए। न्याययिक मजिस्ट्रेट सिरोही महेन्द्र गोयल ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए हम सभी को एकजुट होकर साथ देना होगा। कार्यक्रम से पहले मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट एवं न्याययिक मजिस्ट्रेट सिरोही का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम मे बरलूट थानाधिकारी देवी सिंह ढाका, वराडा सरपंच नरपतसिंह राठौड, तारारामजी पुरोहित, पुनमाराम सुथार, छोगाजी सुथार, जुहाराराम पुरोहित, लक्ष्मण पुरोहित, बाबुजी लुहार एवं कई लोग मौजुद थे।

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